
विश्वभर में गूंजा नवकार मंत्र, PM मोदी की मौजूदगी में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड
9 अप्रैल यानी आज भारत की धरती पर एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृश्य साकार हुआ।
जैन श्रद्धालु नवकार मंत्र का जाप किया, वह भी एक ही समय पर। जैन धर्म के इस सबसे पवित्र मंत्र की गूंज न सिर्फ भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सुनाई दी ।
‘विश्व नवकार महामंत्र दिवस’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से जुड़ें। आयोजन का उद्देश्य सिर्फ विश्व रिकॉर्ड बनाना नहीं है, बल्कि शांति, करुणा और अहिंसा का वह संदेश फैलाना है जो नवकार मंत्र की आत्मा में समाहित है।
भारत विश्व को शांति का देगा संदेश
जहां श्रद्धा, विज्ञान और संस्कृति एक साथ खड़े होंगे। जहां हजारों कलशों के सामने करोड़ों मंत्रों की ध्वनि, विश्व को शांति का संदेश देगी। भारत एक बार फिर अध्यात्म की शक्ति से इतिहास लिखा है।
नवकार मंत्र का महत्व
नवकार मंत्र जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है। इसके जाप से:
मन शांत और स्थिर होता है।
चिंता, तनाव, उदासी से मुक्ति मिलती है।
पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।
मोक्ष प्राप्त करने की प्रेरणा मिलती है।
नवकार मंत्र को अन्य धर्मों में भी मान्यता प्राप्त है और इसके मूल्यों की व्यापक सराहना की जाती है।
108 से ज्यादा देशों के लोगो ने भाग लिया
नवकार महामंत्र जैन धर्म में सबसे सम्मानित और प्रतिष्ठित मंत्र है। इसे सच्चे ज्ञानी और आचार्यों के गुणों को समर्पित किया जाता है। यह मनुष्य को आंतरिक परिवर्तन की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर, लोग आत्म-शुद्धि, सहिष्णुता और सामूहिक कल्याण के मूल्यों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
इस आयोजन में 108 से ज्यादा देशों के लोगो ने भाग लिया, जो एक साथ मिलकर शांति और एकता के लिए सामूहिक रूप से इस मंत्र का उच्चारण करेंगे। यह वैश्विक उपक्रम न केवल धार्मिक, बल्कि मानवता और वैश्विक भाईचारे को बढ़ावा देने का भी प्रयास है।
क्या है णमोकार महामंत्र
जैन अनुयायी 24 तीर्थंकरों की शिक्षा दीक्षा का वर्णन करते हैं। साथ ही कई प्राचीन पुस्तकों का पाठ करते हैं। हिंदुओं की तरह ही जैन भी भारत में हजारों साल से हैं और यह अहिंसा दया को जीवन जीने का सबसे जरूरी मंत्र मानते हैं। ऐसे में वह एक साधक मंत्र का वे जाप भी करते हैं वही मंत्र णमोकार मंत्र कहलाता है। इस मंत्र में कुल 58 मात्राएं, 35 अक्षर, 34 स्वर, 30 व्यंजन और 5 पद हैं।
मनोकामनाएं होती है पूरी
जैन धर्म के अनुयायी मानते हैं कि अगर आप लगातार इस मंत्र का एक लाख जप धूप के साथ करें तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 7 लाख जप से सभी कष्टों का नाश होता है, सवा करोड़ बार जप करने से नरक में जाना टल जाता है और 8 करोड़ 8 लाख 8 सौ बार इसे जपने से मनुष्य को शाश्वत सुख की प्राप्ति होती है।
णमोकार महामंत्र का अर्थ
णमोकार महामंत्र का अर्थ है : णमो अरिहंताणं-अरिहंतों को नमस्कार है, णमो-सिद्धाणं-सिद्धों को नमस्कार है, णमो आयरियाणं-आचार्यों को नमस्कार है, णमो उवज्झायाणं- उपाध्यायों को नमस्कार है, णमो लोए सव्व साहूणं-लोक के सभी साधुओं को नमस्कार है, ये 5 परमेष्ठी हैं, जिन्हें शुद्ध भावपूर्वक पंच नमस्कार किया जाता है। इस मंत्र के प्रथम 5 पदों में 35 अक्षर और शेष 2 पदों में 33 अक्षर हैं।